June 24, 2025

मृत्यु को टालने का सामर्थ्य या तो परमात्मा में है या तपस्वी महात्माओं में-गंगा पुत्र

IMG-20220922-WA0017(1)

मृत्यु को टालने का सामर्थ्य या तो परमात्मा में है या तपस्वी महात्माओं में-गंगा पुत्र

गाजीपुर जनपद के नोनहरा स्थित बडा पोखरा पर आयोजित चातुर्मास ब्रत के दौरान गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने कहा की मृत्यु को टालने का सामर्थ्य या तो परमात्मा में है या तपस्वी महात्माओं में
कितने लोग संतो के पास जाने में कहते है।हमारे पास निमंत्रण नही आया।तो कैसे जाए।मृत्य का निमंत्रण आता है क्या लेकिन जाना पड़ता है। और मृत्यु के कार्ड को भी निरस्त करने वाले महात्मा है ।तो वहा जाने के लिय कार्ड खोजते है। संतो के संग से ही मंगल होता है। जैसे आपको किसी अफसर से कोई मतलब नही है लेकिन कोई काम होता है तो जाना पड़ता है की नही ।सलामी दागते है की नही।उसी तरह संत से परिचय हो या न हो। ऐसे भगवान के भक्तो से मिलना चाहिए। और दुनिया में जो भी प्राणी हो उसमे दया की भावना होनी चाहिए। जैसे हमे काटा गड़ जाता है तो कितना कष्ट होता है।और किसी जीव को आहार बना के खा जाता है तो उनको कष्ट होता होगा की नही।ऐसा विचार कर दया करना चाहिए।दया को ही धर्म बताया गया। वो बौद्धिक हो या जैनी है।सबने दया को ही धर्म माना है।और विनय की भावना होनी चाहिए।लेकिन विनय का जो पात्र हो ,उसी पर विनय करना चाहिए।ये नही की मारीच,सुबाहु,जैसा कोई आकर यज्ञ में विघ्न करे तो वहा कोई हमारी सरलता का, सहजता का,कोमलता का,कोई मिशयुज,दुरुपयोग कर रहा हो वहा थोड़ा कड़ा होना चाहिए।

About Post Author