June 24, 2025

जानें कौन सा फूल चढ़ाने से मां होंगी प्रसन्न और कौन सा फूल अर्पित करने से मां होती हैं नाराज

प्रत्येक वर्ष छः-छः माह के अंतराल पर दो नवरात्रि पड़ती हैं। आश्विन मास में पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है और चैत्र मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से आरंभ होने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि या फिर बासंती नवरात्रि कहा जाता है।

ये नौं दिन मां आदिशक्ति भवानी की पूजा करने के लिए बहुत ही खास होते हैं। इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा करने का विधान है। इन नौ दिनों तक भक्त मां को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने हेतु व्रत और पूजन करते हैं। पूजा में पुष्प अर्पित करने का विशेष महत्व बताया गया है। इससे देवी देवता प्रसन्न होते हैं लेकिन पुष्प अर्पित करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक होता है। कुछ ऐसे फूल हैं जिन्हें अर्पित करने से मां भवानी अत्यंत प्रसन्न होती है, तो वहीं कुछ फूल अर्पित करने से मां नाराज हो सकती हैं इसलिए फूल अर्पित करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जानते हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा को कौन से फूल चढ़ाएं और कौन से फूल न चढ़ाएं।

 

नवरात्रि के दिनों में नौ दिनों तक मां भवानी के अलग-अलग रूपों की पूजा करते समय उन्हें अलग-अलग फूल चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि इससे प्रसन्न होकर मां अपनी कृपा बरसाती हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार विशेष फूलों में विशिष्ट देवता के पवित्रक, अर्थात उस देवता के सूक्ष्म से भी सूक्ष्म कण आकर्षित करने की क्षमता अन्य फूलों की तुलना में अधिक होती है। इसलिए जब ये पुष्प प्रतिमा या तस्वीर पर अर्पित किए जाते हैं, तब साधक को प्रतिमा के चैतन्य का लाभ अतिशीघ्र मिलता है। इसलिए नौ दिनों तक नौ अलग-अलग तरह के फूल चढ़ाने चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि कौन सी माता को कैसे फूल अर्पित करने चाहिए।

नवरात्रि के प्रथम दिन शैलपुत्री माता को सफेद कनेर के फूल और माला चढ़ानी चाहिए।

नवरात्रि के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी को पत्तों की माला चढ़ानी चाहिए।

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्र घंटा को शंखपुष्पी के फूल अर्पित करने चाहिए।

 

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को पीले रंग के फूल चढ़ाने चाहिए।

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता को नीले रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए।
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को बेर के वृक्षों के फूल अर्पित करने चाहिए।

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को प्रसन्न करने हेतु गुंजामाला अर्पित करनी चाहिए।

नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी मां को प्रसन्न करने हेतु उन्हें पुष्प की नही कलावा की माला अर्पित करनी चाहिए।

नवरात्रि के समापन वाले दिन मां सिद्धिदात्री को गुड़हल के फूल अर्पित करने चाहिए।

कौन से पुष्प अर्पित करने से मां दुर्गा होती हैं नाराज

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार देवी मां को कभी भी अपवित्र स्थलपर उत्पन्न हुए, जो फूल सही से नहीं खिले हैं अर्थात कलियां, बिखरी हुई पंखुड़ियों वाले, गंधरहित अथवा तीव्र गंधवाले, सूंघे हुए पुष्प धरती पर गिरे हुए, बाएं हाथ से लाए गए पुष्प अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके अलावा किसी के यहां से बिना आज्ञा के तोड़े गए फूल, पानी में डुबोकर धोए हुए पुष्प कभी नहीं चढ़ाने चाहिए।

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