भजन करने का कोई उम्र नहीं होता-फलाहारी बाबा

भजन करने का कोई उम्र नहीं होता-फलाहारी बाबा
गाजीपुर जनपद के बाराचंवर में शिव मंदिर पर आयोजित श्री राम कथा में श्री अयोध्या धाम से पधारे श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री शिव राम दास जी फलाहारी बाबा ने अपने मुखारविन्द से ज्ञान एवम भक्ति को मानस कथा रुपी मंदाकिनी को प्रवाहित करते हुवे कहा कि “भजन करने का कोई उम्र नहीं होता.चौथापन आयेगा की नहीं क्या भरोसा.जब से ज्ञान हो जाये तभी से भजन शुरु कर देना चाहिए.पार्वती.ध्रुव.प्रहलाद.ने बचपन से ही भगवान की आराधना आरम्भ कर दी थी.मनु व सत रुपा ने चौथेपन में परमात्मां का भजन किया था तो फल भी दशरथ कौशल्या को राम के रुप में चौथेपन में ही प्राप्त हुवे.आगे आपने उपवाश अर्थ बताते हूवे कहा कि “उप समिपे वसति इती उपवाशः”भगवान के समीप रहकर मनसा वाचा कर्मणा से भगवान को याद करना ही उपवाश है केवल खाली पेट रहना नहीँ.भोजन निरस होगा तो भजन सरस होगा लेकिन भोजन सरस होगा तो भजन निरस होगा.ध्यान और समाधि से निन्द से लेकर भोजन तक की संतुष्टि हो जाती है”जब तक गुरु और परमात्मां की कृपा नहीँ होगी तब तक शिष्य एवम जिवात्मां “माया” से नहीँ बच सकता है