June 25, 2025

जम्मू कश्मीर में तैनात केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाली छूट और सुविधाएं अगले तीन साल तक के लिए बढ़ी

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जम्मू कश्मीर में तैनात केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाली छूट और सुविधाएं अगले तीन साल तक के लिए बढ़ी

भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के ‘कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग’ ने कश्मीर घाटी के संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को विशेष छूट/सुविधाएं प्रदान की हैं।

ये सुविधाएं एक अगस्त 2021 से तीन वर्ष के लिए लागू रहेंगी। यह प्रोत्साहन पैकेज, भारत सरकार के अधीन सभी मंत्रालयों/विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए समान रुप से लागू है। उन्हें इस पैकेज में नियत दरों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। संबंधित मंत्रालय एवं विभाग, इस अनुमोदित पैकेज के अनुसार पैकेज के अनुपालन के कार्यान्यवन और मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। ऐसे अदालती मामले, जिनमें इस पैकेज के विरुद्ध निर्णय दिए जाएं, उन्हें संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा चुनौती दी जाए। कश्मीर घाटी के दस जिले, जिनमें अनंतनाग, बारामूला, बड़गाम, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर, कुलगाम, शोपियां, गांदरबल और बांदीपुरा शामिल हैं, यहां कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों को उक्त सुविधाएं/छूट मिलेंगी।

कश्मीर घाटी में तैनात कर्मचारी

• इन कर्मियों को भारत में अपनी पसंद के चुनिंदा स्थान पर सरकारी खर्च से अपने परिवार को ले जाने का विकल्प प्राप्त है। परिवार के लिए यात्रा भत्ता, स्थायी स्थानांतरण के समान अनुमेय है। साथ ही निजी सामानों के परिवहन और पैकिंग इत्यादि के लिए एकमुश्त राशि भी मिलेगी। कंपोजिट ट्रांसफर ग्रांट, गत माह की बेसिक सेलरी का 80 फीसदी तक होती है।

• कर्मचारियों के लिए ठहरने, सुरक्षा और कार्यस्थल तक पहुंचने के लिए विभागीय व्यवस्था की जाएगी।

• अपनी पसंद का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों पर यथा प्रयोज्य श्रेणी ‘वाई’ शहर के समान ही ‘एचआरए’ (मूल वेतन का 16 फीसदी) मिलेगा। ऐसे कर्मचारी अपने तैनाती स्थल पर सामान्य एचआरए प्राप्त करने के भी पात्र होंगे, बशर्ते कि उनके लिए विभागीय व्यवस्था न की गई हो।

• यदि किसी कर्मचारी की अस्थायी ड्यूटी की अवधि छह माह तक बढ़ाई गई है, तो उसके लिए ठहरने, सुरक्षा प्रदान करने और परिवहन की सुविधा, विभाग द्वारा मुहैया कराई जाएगी। इस विभागीय व्यवस्था के अतिरिक्त पूर्ण दर पर दैनिक भत्ता अनुमेय है।

• कश्मीर घाटी में तैनात वे कर्मचारी, जो चुनिंदा आवास स्थल पर अपने परिवारों को नहीं ले जाना चाहते हैं, उनके लिए दैनिक भत्ते की व्यवस्था की गई है। उन्हें कार्यालय आने-जाने में किसी भी अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए प्रति दिन के भत्ते के रूप में 113 रुपये का भुगतान किया जाता है। यह भत्ता, परिवहन भत्तों के अतिरिक्त है जो व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन संख्या 19030/11/2017-ई.IV, दिनांक 13.07.2017 के अनुसार शहर के भीतर यात्रा के लिए यात्रा शुल्क की प्रतिपूर्ति के बराबर है।

• वे कर्मचारी जो भारत में अपनी पसंद के चयनित स्थान पर अपने परिवारों को स्थानांतरित करने का विकल्प चुनते हैं, वे प्रति दिन भत्ते के लिए पात्र नहीं हैं, क्योंकि वे पिछले महीने के मूल वेतन के 80 फीसदी की दर से समग्र स्थानांतरण अनुदान का लाभ उठाते हैं।

• भोजन भत्ते के तौर पर जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी केंद्रीय कर्मचारियों को, सीएपीएफ को दी जाने वाली राशन मनी के बराबर प्रतिदिन 97.85 रुपये दिए जाते हैं।

• कश्मीर घाटी के ऐसे पेंशनभोगी, जो अपनी मासिक पेंशन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों या वेतन और लेखा कार्यालय एवं कोषागार से प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उन्हें संबंधित प्रावधानों में छूट प्रदान की गई है। घाटी के बाहर, जहां वे मौजूदा समय में बसे हैं, उन्हें वहीं पर पेंशन दी जाती है।

• अस्थायी ड्यूटी को अगर छह माह तक आगे बढ़ाया जाता है तो इन कर्मियों को ‘कश्मीर वैली स्पेशल इंसेंटिव’ मिलता है। उन्हें सातवें वेतन आयोग के अनुसार, ‘कश्मीर वैली स्पेशल इंसेंटिव’ के साथ फूड चार्ज, ठहरने, सुरक्षा और परिवहन के लिए विभागीय व्यवस्था की सुविधा प्रदान की जाती है।

• पे लेवल 14 और उसके ऊपर वालों को नौ हजार रुपये प्रति माह (यथानुपात आधार), लेवल 12 और लेवल 13 के तहत आने वाले कर्मियों को आठ हजार रुपये, लेवल नौ से लेवल 11 तक के कर्मियों को सात हजार रुपये, लेवल 6 से लेवल 8 तक छह हजार रुपये और लेवल पांच व उससे नीचे के वेतनमान वाले कर्मियों को 4500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं।

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