संस्कार विहीन शिक्षा औचित्यहीन है- न्यायमूर्ति दीक्षित

संस्कार विहीन शिक्षा औचित्यहीन है- न्यायमूर्ति दीक्षित
कमला ग्राम विकास संस्थान व voice for child rights की ओर से शिक्षक दिवस पर 27 शिक्षकों को विद्या सेतु सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया । शिक्षक दिवस पर पूज्य शिक्षाविद माधवेंद्र नारायण सिंह की स्मृति में किया गया।शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद न्यायमूर्ति विपिन दीक्षित ने कहा कि संस्कार विहीन शिक्षा औचित्यहीन है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि अपने छात्रों को अनुशासित करने के लिए शिक्षकों को स्वयं में आगे बढ़कर उदाहरण बनना होगा। उन्होंने शिक्षकों से विद्यार्थियों को संस्कार वाली शिक्षा देने की बात कही। संगोष्ठी का विषय वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की भूमिका पर डॉ श्लेष गौतम, डॉ अर्चना सिंह ने विचार प्रस्तुत किया। अध्यक्षता आदरणीय श्री बी के राय जी जज श्रम न्यायालय ने किया विशिष्ट अतिथि श्री राजेश मिश्र जी उप श्रम आयुक्त प्रयागराज ने सम्बोधित किया ।
संचालन विजय बहादुर ने किया। गोष्ठी में अजीत विक्रम सिंह, डॉ अखिलेश मिश्र अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ,राजू यादव प्रवक्ता ,उमाशंकर शुक्ला, श्रीनारायण, अनुज पांडेय, गौरव द्विवेदी अधिवक्ता,डॉ रजनीकांत राय, जय प्रकाश , सुभाष तिवारी, जितेन्द्र शर्मा, धनन्जय सिंह, सर्वेश पांडेय , चन्दमणि मिश्र,अमित मिश्र सहित बड़ी संख्या में सम्मानित शिक्षकों में प्रो. एनके शुक्ला, डॉ शैलेन्द्र राय, डॉ अनृप कुमार, डॉ विनम्र सेन, डॉ पवन पाठक, डॉ इंदु प्रकाश सिंह, डॉ वीरेन्द्र सिंह, राम प्रकाश पांडेय, डॉ सुयोग पांडेय, डॉ विनय कुमार सिंह, धृजेश सोनी, राजेंद्र गिरी, डॉ अवधेश यादव, मनीष पाठक, मोहम्मद रफीक,शिशिर कुमार, उमेश कुमार दुबे, उमेश खरे, डॉ जय प्रकाश शर्मा, डॉ रंजना राय, सौरभ शुक्ल, प्रभा रानी, डॉ विनय कुमार सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह चन्देल, आभा सिंह, डीके सिंह शामिल रहे।