June 24, 2025

गणेश चतुर्थी का पर्व आज, इस समय करें गणपति स्थापना और पूजा

add-a-heading-sixteen_nine

 गणेश चतुर्थी का पर्व आज, इस समय करें गणपति स्थापना और पूजा

 

Ganesh Chaturthi 2022 Date: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का प्राकट्य हुआ था. गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश अपने भक्तों के बीच रहते हैं और उन्हें अपनी पूजा-उपासना का अवसर देते हैं. महापर्व की इस अवधि में गणेश भगवान की पूजा करने से हर संकट दूर हो जाता है और श्रद्धालुओं को मनचाहा वरदान भी मिलता है.
<span;>आज गणेश चतुर्थी का त्योहार है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. यूं तो हर महीने में गणेश चतुर्थी आती है लेकिन भाद्रपद माह में आने  वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को काफी खास माना जाता है. गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. इस दिन लोग घर में गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिन उनकी पूजा-अराधना करते हैं. 10 वें दिन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. तो आज गणेश चतुर्थी के खास अवसर पर जानें गणपति बप्पा को घर लाने का शुभ समय-
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2022 Shubh Muhurat)

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 30, 2022 को शाम 03 बजकर 33 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त – अगस्त 31, 2022 को सुबह 03 बजकर 22 मिनट तक

वर्जित चन्द्रदर्शन का समय सुबह 09 बजकर 38 मिनट से रात 09 बजकर 37 मिनट तक

गणेश चतुर्थी का  चौघड़िया मुहूर्त

लाभ – उन्नति सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 07 बजकर 57 मिनट तक

अमृत – सर्वोत्तम सुबह 07 बजकर 34 मिनट से सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक

चर: सामान्य: सुबह 09 बजकर 10 मिनट से सुबह 10:46 मिनट तक

शुभ: उत्तम सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

गणेश चतुर्थी पर बनने वाला शुभ योग (Ganesh Chaturthi Shubh Yog)

रवि योग सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सितम्बर 01, 12 बजकर 12 मिनट तक

शुभ योग प्रात: काल से पूरे दिन

गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री (Ganesh Chaturthi Pujan Samagri)

गणेश चतुर्थी के त्योहार में कुछ खास चीजों का इस्तेमाल होता है. इन चीजों के बगैर गणेश चतुर्थी की पूजा अधूरी मानी जाती है. गंगाजल, धूप, दीप, कपूर, मूर्ति स्थापित करने के लिए चौकी, लाल रंग का कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, रोली, कलश, मोदक, फल, सुपारी, लड्डू, मौली, पंचामृत, लाल चंदन, पंचमेवा इत्यादि.

सबसे पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल की सफाई कर लें. एक चौकी तैयार करें और उसपर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछा लें. इसके बाद चौकी पर गणपति बप्पा को स्थापित करें. गणपति बप्पा को बैठाते समय

अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।

इस मंत्र का जाप करें. इसके बाद गणपति बप्पा को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर उन्हें वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं और अक्षत चढ़ाएं. फिर बप्पा को भोग चढ़ाएं. इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और बप्पा की आरती करें. ध्यान रखें पूजा के समय गणपति बप्पा को दूर्वा जरूर अर्पित करें. दूर्वा के बिना गणेश जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. आप चाहों ते गणपति बप्पा को दूर्वा की माला बनाकर भी पहना सकते हैं.

About Post Author