June 25, 2025

लंदन एवं दुबई में फेमस हुईं गाजीपुर के किसान पंकज राय की ऑर्गेनिक सब्जियां,

इस तकनीक से खेती करके कमा रहे हैं 10 लाख का मुनाफा

जब कोरोना महामारी के दौर में किसानों की फसलें बाजार नहीं पहुंच पा रही थी, उस समय प्रगतिशील किसान पंकज राय ने एपीडा की मदद से लंदन में 10 टन लौकी और 1 क्विंटल हरी मिर्च का निर्यात किया.

देश और दुनिया में जैविक उत्पादों की डिमांड बढ़ती जा रही है, जिसके मद्देनजर भारत के कई किसान रसायनमुक्त जैविक खेती कर रहे हैं और इन किसानों के उत्पादों को काफी प्रोत्साहन भी मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं करीमुद्दीनपुर के प्रगतिशील युवा किसान पंकज राय की, जिनके फार्म पर उगी ऑर्गेनिक सब्जियों बिट्रेन और यूरोपीयन देशों में निर्यात की जा रही है। इस तरह जैविक खेती करके पंकज राय साल में 8 से 10 लाख तक का मुनाफा कमा रहे हैं. इतना ही नहीं, प्रगति के पथ पर चलकर अब पंकज राय दूसरे किसानों को भी जैविक खेती की ट्रेनिंग देने की योजना पर काम कर रहे हैं.

आधुनिक तकनीकों के साथ जैविक खेती

प्रगतिशील किसान पंकज राय ने ऑर्गेनिक सब्जियों के उत्पादन का सफर तीन साल पहले शुरु किया. इस दौरान 2500 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में पॉली हाउस लगाकर उन्होंने जैविक विधि से सब्जियों की खेती करना चालू किया. इस काम में करीब 30 लाख रुपये की लागत आई थी, जिसके बाद साल भर के अंदर ही 8 से 10 साख का मुनाफा मिलने लगा.

Covid-19 के बीच लंदन भेजी ऑर्गेनिक सब्जियां जब कोरोना महामारी के दौर में किसानों की फसलें बाजार नहीं पहुंच पा रही थी, उस समय पंकज राय ने भारत सरकार की संस्था एपीडा की सहायता लेकर लंदर के बाजारों में 10 टन लौकी और 1 क्विंटल हरी मिर्च का निर्यात किया.

पॉलीहाउस में स्ट्रॉबेरी और कश्मीरी केसर की खेती
आज पंकज राय खेती की आधुनिक तकनीकों के साथ जैविक खेती कर रहे हैं. पंकज राय ने बताया कि उनकी टीम जुलाई से लेकर अगस्त तक फल और सब्जियों की नर्सरी तैयार करती है. इतना ही नहीं, सितंबर के महीने में पॉलीहाउस में स्ट्रॉबेरी और कश्मीरी केसर उगाई जाती है. इसके अलावा, उनके फार्म हाउस पर मिर्च, टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों के पौधे तैयार किये जाते हैं, जिनमें से 25 फीसदी पौधे किसानों को फ्री में उपलब्ध करवाये जाते हैं.

महाराष्ट्र से मिला आइडिया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रगतिशील किसान पंकज राय को आधुनिक विधि से जैविक खेती करने का आइडिया पुणे की विजिट के दौरान मिला. उस समय पंकज राय मुंबई में अपने जैविक उत्पादों की सप्लाई से जुड़ी जानकारियां लेने पहुंचे थे. उनका मानना है कि जैविक खेती में रसायनों पर खर्चा नहीं होता, जिसके चलते लागत कम और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।पंकज राय के पूरे फार्म हाउस में सिचाई के लिए ड्रीप सिस्टम एवं फुहारा.स्प्रिंकलर का प्रयोग किया जाता है।

घर-घर होम डिलीवरी
रिपोर्ट्स की मानें को प्रगतिशील किसान पंकज राय के फार्म हाउस से लोग फल और सब्जियों खरीदकर ले जाते हैं. इसके बाद इलाके में ऑर्गेनिक सब्जियों की होम डिलीवरी की सुविधा भी दी जाती है. आज पंकज राय की सफलता के किस्से सुनकर राज्य के कोने-कोने से किसान उनके फार्म हाउस को देखने करीमुद्दीनपुर पुर आते हैं और कुछ किसान उनसे खेती की बारिकियां सीखकर जैविक खेती की ओर भी बढ़ रहे हैं.

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