गंगा में होने लगा धीमी गति से घटाव
गाजीपुर। कुछ देर के ठहराव के बाद सोमवार की दोपहर से गंगा में धीमी गति से घटाव शुरू हो गया। इससे तटवर्ती लोगों को काफी राहत मिली है। रविवार की शाम को गंगा स्थिर होने के बाद घटने लगी थी, लेकिन फिर सोमवार की सुबह फिर घटाव का क्रम रूक गया। पहाड़ों पर फिर भयंकर बारिश होने तथा बादल फटने की घटनाओं के बाद फिर बढ़ाव की संभावना जताई जा रही थी। उधर चार दिन तक लगातार बढ़ाव के बाद रविवार की शाम चार बजे से गंगा स्थिर हो गई। उस समय जल स्तर 62.720 मीटर था। सोमवार की सुबह छह बजे से घटाव भी शुरू हो गया। पानी घट कर सुबह आठ बजे तक 62.670 पर पहुंच गया। लेकिन इसके बाद करीब दस बजे से गंगा फिर स्थिर हो गई है। दोपहर बाद दो बजे से गंगा में फिर घटाव शुरू हो गया। घटाव का यह क्रम दो सेमी प्रति घंटा बना हुआ था। दो बजे गंगा 62.630 मीटर और चार बजे 62.590 मीटर पर थी। हालांकि गंगा अभी भी चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर से उपर तथा लाल निशान के नीचे ही बह रही है।
उधर गंगा के पानी से प्रभावित सैकड़ों गांवों की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। प्रशासन की ओर से समुचित तैयारी का भले ही दावा किया जा रहा हो, लेकिन लोगों तक त्वरित सहायता नहीं मिल पा रही है। पानी से घिर चुके गांवों में आने जाने के लिए नाव तक उपलब्ध नहीं है। लोग अपना जरूरी सामान, अनाज, मवेशी आदि को बचाने में लगे है। रात के बाद से और कई गावों को पानी ने घेर लिया है। कुछ राहत शिविरों में तो कुछ खुले आसमान के नीचे शरण लिए हुए है। मुहम्मदाबाद के बीरपुर, नकटीकोल, सेमरा, बच्छलका पुरा, शिवराय का पुरा, रामपुर तो गाजीपुर सदर के कुर्था, अकथा आदि गांव के समीप तक पानी आ गया है। लोग मवेशियों को खुले आसमान के नीचे बांध रहे है तथा चारा का संकट भी गहराता जा रहा है। उधर गंगा पार के कई गांवों के बाहर गंगा का पानी पसर गया है और सैकड़ों बीघा खेत डूब चुके हैं। सेवराई तहसील क्षेत्र के हसनपुरा, विरउपुर, नसीरपुर, खुदरा पथरा आदि गांवों में भी पानी प्रवेश कर रहा है। इधर आधा दर्जन गांव पानी से घिरे हुए है।