Muharram 2022:मुहर्रम क्या है? जानें इतिहास और महत्व

Muharram 2022:मुहर्रम क्या है? जानें इतिहास और महत्व
मोहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। ये महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल मुहर्रम की शुरुआत 31 जुलाई से हो रही है। मुहर्रम की 10वीं तारीख यौम-ए-आशूरा के नाम से जानी जाती है। ये इस्लाम धर्म का प्रमुख दिन होता है। कहा जाता है कि मोहर्रम के महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के 10वें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा कहा जाता है। आशूरा मातम का दिन होता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय मातम मनाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत में आशूरा कब है और इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है?
भारत में कब है आशूरा?
भारत में इस साल मुहर्रम का प्रारंभ 31 जुलाई को हुआ था। ऐसे में आशूरा 09 अगस्त दिन मंगलवार को होगा। पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी आशूरा 09 अगस्त को होगा। वहीं सऊदी अरब, ओमान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, बहरीन और अन्य अरब देशों में मुहर्रम का प्रारंभ 30 जुलाई से हुआ था, जिसकी वजह से वहां पर आशूरा 08 अगस्त को होगा।
आशूरा का ऐतिहासिक महत्व
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले अशुरा के दिन इमाम हुसैन का कर्बला की लड़ाई में सिर कलम कर दिया था और उनकी याद में इस दिन जुलूस और ताजिया निकालने की रिवायत है। अशुरा के दिन तैमूरी रिवायत को मानने वाले मुसलमान रोजा-नमाज के साथ इस दिन ताजियों-अखाड़ों को दफन या ठंडा कर शोक मनाते हैं।
शिया समुदाय निकालता है ताजिया