June 24, 2025

कामना वाले मनुष्य के लिए अलग अलग कामना के लिए अलग साधन हैं-त्रिदंडी स्वामी

 

 

गाजीपुर जनपद के नोनहरा स्थित बर तर में आयोजित चातुर्मास ब्रत के दौरान गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी ने कहा की देखो परीक्षित कामना वाले मनुष्य जो है उनके अलग अलग कामना के लिए अलग अलग साधन है। ब्रम्हतेज की कामना हो तो बृहस्पति की उपासना करो, इंद्रियों में बल की कामना हो तो इंद्र की उपासना करे।संतान की कामना हो तो प्रजापतियों की उपासना करो।धन की कामना हो तो माया देवी की उपासना करो।तेज की कामना हो तो वैस्वानर अग्नि की उपासना करो।आयु के लिए अस्वनी कुमार की उपासना करो।रूप की कामना हो तो गंधर्वों की ,यश की कामना हो तो यज्ञ नारायण की उपासना करो।विद्या की कामना हो तो शंकर की उपासना करो।गृहस्थ जीवन सुखी हो गौरी गणेश की उपासना करो। भोगों के लिए चंद्रमा की उपासना करो।परीक्षित ने सुन तो लिए पर कुछ कहे नही,तब शुकदेव जी कहते है,आपके अंदर किसी प्रकार की कामना हो या न हो। तब कहते है।
अकाम:सर्व कामों वा मोक्षकाम उदारधी।
तिव्रेंण भक्ति योगेन यजेत पुरुसं परम।।
अकाम तो भगवान के भक्त होते है। हम आपसे आपको चाहते है।

About Post Author