June 25, 2025

धर्म केवल दिखावा के लिए नहीं बल्कि व्यवहार और आचरण में भी दिखनी चाहिए-जीयर स्वामी

 

धर्म की वस्तु,यज्ञ की वस्तु,सार्वजनिक विकास के धन को हड़पने वाले व्यक्ति को, लोक- परलोक दोनों जगहों पर अशांति का सामना करना पड़ता है।और उनके घर परिवार में घोर कलह होता रहता है। कभी भी किसी का धन नहीं हड़पना चाहिए।स्वामी जी ने कहा की ब्राह्मण का धन,मंदिर का धन,मठ का धन हड़पने तथा पूर्वजों द्वारा दान की गई जमीन हड़पने पर, वह व्यक्ति मर कर अधोगति को प्राप्त करता है।उक्त बातें लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने भृगु क्षेत्र बलिया में, जनेश्वर मिश्रा सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत में प्रवचन के दौरान कही।

स्वामी जी ने कहा कि जो व्यक्ति धन-संपत्ति के मद में होकर अनीति,अत्याचार करता है, वह अगले जन्म में अनेक योनियों के कष्ट भोगते हुए दरिद्रता को प्राप्त करता है।उन्होंने बताया कि धन कमाना अच्छी बात है लेकिन अनाचार,अत्याचार से किसी को अहित पहुंचा कर कमाया हुआ धन,अनर्थ का कारण बनता है। अंत में वह धन, भोग विलास का कारण बन कर नष्ट हो जाता है।

उन्होंने कहा कि आत्मा ही परमात्मा का अंश है। आत्मा को परमात्मा में समर्पित कर जीवन जीना चाहिए।

धर्म हमारे जीवन की वह पद्धति है, जिसके अनुपालन से पतन रुक जाता है, और मनुष्य पावन हो जाता है। धर्म केवल दिखावा के लिए नहीं बल्कि व्यवहार और आचरण में भी दिखनी चाहिए। सूत जी ने कहा है कि अट्ठारह पुराण में दो बातों का महत्व विशेष है। परोपकार से बड़ा कोई धर्म व पुण्य नहीं, और अकारण किसी को दंड देने से बड़ा कोई पाप नहीं।

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