June 25, 2025

संत महापुरुषों का दर्शन करने और देने के लिए भगवान का अवतार होता है -गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी

 

गाजीपुर जनपद के नोनहरा में चातुर्मास व्रत के दौरान त्रिदंडी स्वामी ने कहा की मरने वाले मनुष्यों को अपने आचरण व्यवहार के द्वारा शिक्षा देने के लिए ही भगवान का अवतार होता है,भले ही गीता में भगवान कह दिए, यदा यदा हि धर्मस्य ,ग्लानि भवति भारत, अभ्युथान अधर्मस्य ,धर्म की स्थापना के लिए धरती पर आते है, नही धर्म की स्थापना के लिए भगवान को धरती पर आने की कोई आवस्यकता नही,जब भारत का एक साधारण प्रधान मंत्री बोल देता है की आज रात्रि बारह बजे से पांच सौ,एक हजार का नोट बंद तो पूरे भारत में बंद हो जाता है,तो क्या भगवान वही से बैठे बैठे एक बार संकल्प कर ले तो पूरी धरती पर धर्म की स्थापना हो जाता। आगे कहते है, विनाशाय च दुस्कृताम,नही दुष्टों के विनाश के लिए भी भगवान को धरती पर आने की कोई आवश्यकता नही,जैसे हमारे भारत के सैनिक भारत से पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकवादियों को मार सकते है।उसी प्रकार भगवान एक बार संकल्प करके जल छोड़ दे तो धरती के सारे दुष्टों का विनाश हो जायेगा। तो किसलिए आते है प्रभु परित्राणाय साधुनाम, संत महापुरुषों का दर्शन करने और देने के लिए भगवान का अवतार होता, और हम मनुष्यों का धर्म है,एक वृक्ष लगाओ,और सूर्य नारायण को प्रात: काल जल दो उसके जीवन में जल की कोई कमी नही होगी,आज सब चाहते है राम राज्य आजाय कैसे आएगा , नही आयेगा उसके लिए सारे भारत वासियों को प्रातः काल जागना पड़ेगा ,सूर्य के उदित होने से पैतालीस मिनट पूर्व जागना पड़ेगा और सारे लोगो को,सूर्य नारायण को जल देना पड़ेगा, तब आपके यहां पानी की किल्लत नही होगी।

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