June 25, 2025

इन्द्रियों को स्वतंत्र छोड देने से पतन निश्चित -जीयर स्वामी

 

बलिया जनपद में जनेश्वर मिश्रा सेतु के समीप चल रहे चातुर्मास व्रत में प्रवचन करते हुए जीयर स्वामी कहा कि बिना वजह किसी भी जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए। किसी को भी कष्ट नहीं देना चाहिए। अपने जीभ के स्वाद के लिए किसी भी जीव को मारकर खाना बहुत बड़ा अपराध है। महाराज ने कहा कि इन्द्रियों के दमन से व्यक्ति यशस्वी बनता है। धर्म की रक्षा करने वालों की रक्षा धर्म करता है। कहा कि कहीं भी जाएं, वहां से दुर्गुण व अपयश लेकर न लौटें। उन्होंने कहा की इन्द्रियों को स्वतंत्र छोड देने से पतन निश्चित
समझें। एक बार अर्जुन इन्द्रलोक में गये हुए थे। वहां उर्वशी नामक अप्सरा का नृत्य हो रहा था। नृत्य के बाद अर्जुन शयन कक्ष में चले गये। अर्जुन ने आने का कारण पूछा। उर्वशी ने वैवाहिक गृहस्थ धर्म स्वीकार करने का आग्रह किया। अर्जुन ने कहा कि मृत्यु लोक की मर्यादा को कलंकित नहीं करूंगा। तब उर्वशी ने एक वर्ष तक नपुंसक बनने का शाप दे दिया।वही शाप अज्ञातवाश में वरदान सिद्ध हुआ।

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