June 25, 2025

राजगुरु मठ में गुरूपूर्णिमा पर्व पर लगा श्रद्धालुओं का तांता

 

राजगुरु मठ शिवाला वाराणसी के पीठाधीश्वर अनंतानंद सरस्वती ने बेबाक भारत से बातचीत में बताया कि गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म संस्कृति है आदिगुरु परमेश्वर शिव ने दक्षिणामूर्ति रूप में समस्त ऋषि मुनि को शिष्यके रूप शिवज्ञान प्रदान किया था।

उनको स्मरण रखते हुए गुरुपूर्णिमा मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरुजनों को समर्पित परम्परा है जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और प्रबुद्ध करने, बहुत कम अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्चे के अपनी बुद्धिमता को साझा करने के लिए तैयार हो।

इसको भारत, नेपाल और भूटान में हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायी उत्सव के रूप में मनाते हैं। । यह पर्व हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों द्वारा अपने आध्यात्मिक शिक्षकों अभिभावकों के सम्मान और उन्हें अपनी कृतज्ञता दिखाने के रूप में
मनाया जाता है।

वहीं गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन रहा जिसमे हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान पंडित
ज्वाला प्रसाद सिंह, छपरा, वैजनाथ पाण्डेय वाराणसी, डा. कमला राय वाराणसी, दीन त्यागी गाजियाबाद, संजीव शर्मा, दिल्ली, कमल जी उतराखंड, केएन राय, विद्यासागर राय महानगर अध्यक्ष भाजपा बाराणसी, संजीव राय बबलू,नित्यांश राय, अमित राय, आर्यन राय आदि सैकडो भक्त उपस्थित रहे।

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