अपने किये का ही फल सुख और दुख के रूप मे मिलता है — गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी

अपने किये का ही फल सुख और दुख के रूप मे मिलता है — गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी
गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद क्षेत्र के नोनहरा , बड़ा पोखरा पर चल रहे चातुर्मास के दौरान प्रवचन करते हुए श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी नारायण गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमारे द्वारा किए हुए कर्मो का फल ही सुख और दुख के रूप में हमें प्राप्त होता है।जैसे हम दुख नही चाहते तब भी वो हमारा पीछा नही छोड़ता, ठीक उसी प्रकार से हम नही भी कामना करेंगे तो भी हमारा सुख हमारा आनंद हमारे साथ ही रहेगा। हमे अपने कर्मो को अच्छे से करना चाहिए,जो वेद कहता है शास्त्र कहता है संत कहते है उन कार्यों को करना चाहिए।जो भी भोग आज हम भोग रहे है उसमे अगले जन्म का किया धरा है।कोई कहता है हम इतना पूजा पाठ करते हैं तब भी कष्ट होता है,जैसे कोई अंधा है,लंगड़ा है,जो भी है ये सब पूर्व का प्रारब्ध है।जिसने पूर्व जन्म में अपने मां की हत्या किया हो वही अंधा होता है।जिसने जंगल में विचरण करने वाले हिरन की हत्या किया हो वही लगड़े होकर के आते है । इसीलिए जीवन में कोई भी गलत कार्य न करे।