पंचगब्य का सेवन करने से आपके हड्डियों तक प्रविष्ट पाप नष्ट हो जाते है- गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी
पंचगब्य का सेवन करने से आपके हड्डियों तक प्रविष्ट पाप नष्ट हो जाते है-
गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी
चातुर्मास ब्रत ,नोनहरा, बड़का पोखरा जनपद गाजीपुर में आयोजित प्रवचन में गंगापुत्र श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी नारायण त्रिदंडी स्वामी जी ने कहा की शास्त्रों में चार महा पाप बताए गए है। प्रथम महा पाप न सुराम पिबेत, दारू नहीं पीना चाहिए,चाहे वो गंगा जल में ही क्यों न बना हो उसको संत धारण नही कर सकते।
दारु मनुष्य को पशु बना देती है।दूसरा महापाप भगवान के मूर्तियों में भेद करना।ये सोना के है की चांदी के है की पत्थर के है।ये दूसरा महा पाप हो जाता है।तीसरा महापाप भगवान के भक्तो में भेद बुद्धि रखना।दो साल के है की 80वर्ष के,ब्राम्हण है क्षत्रिय है की शुद्र है,ये तीसरा पाप है। और चौथा पाप गुरु ने जो मंत्र दिया उस मंत्र को भूल जाना, इन्ही चार पापो के कारण घर में दरिद्र हो जाता है,और पाप का बाप क्या है, भगवान को भूल जाना। इसलिए पंचगब्य का सेवन करे, तब आपके हड्डियों तक प्रविष्ट पाप नष्ट हो जाते है,तब आपके घर में वैभव लक्ष्मी की कृपा बरसने लगे गी।