पूरा हो रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प”
“खिड़किया घाट पर गंगा में गिरना बंद हुआ शाही नाले का मल जल “

” मां गंगा ने बुलाया है ” के कथन को नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से चरितार्थ कर रहे पीएम मोदी “
” मैं न यहां आया हूं , न मुझे किसी ने भेजा है , मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है ” प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का यह कथन काशी में गंगा निर्मलीकरण के लिए सार्थक साबित हो रहा है । काशी वासियों और गंगा प्रेमियों की इंतजार की घड़ी अब समाप्त हुई । अंग्रेजों के शासनकाल में बने शाही नाले से गिर रही गंदगी अब थम रही है । शहर के पक्के महाल एवं अन्य शहरी क्षेत्रों का गंदा मल-जल जो की खिड़किया घाट पर सीधे-सीधे गंगा में बहता था अब नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से लगभग बंद कर दिया गया है । प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रेरणा से सन 2014 से ही स्वयंसेवक के रूप में गंगा सेवा कर रहे नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में मंगलवार को गंगा सेवी टीम ने मौके का मुवायना किया । विदित हो कि गंगा सेवक राजेश शुक्ला जिला गंगा समिति व राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की प्रत्येक बैठक में खिड़किया घाट पर गिर रहे मल जल के मुद्दे को उठाते रहे हैं ।

पुरानी काशी के मध्य से जाने वाले शाही नाले को दीनापुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने के जटिल कार्य के लिए गंगा सेवी टीम ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को साधुवाद दिया। गंगा सेवक राजेश शुक्ला ने कहा कि नमामि गंगे एक सांस्कृतिक महायज्ञ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमारे प्रेरणा स्रोत है । पीएम मोदी की अगुवाई में नमामि गंगे परियोजना के द्वारा गंगा बेसिन क्षेत्र में करीब 6000 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना प्रस्तावित है जिसमें बहुत सारी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं । जबकि 2014 के पूर्व मात्र 500 एमएलडी एसटीपी हुआ करती थी । यह दर्शाता है कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से सरकार गंगा निर्मलीकरण की तरफ निरंतर बढ़ रही है । स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। जनभागीदारी भी बहुत जरूरी है। महानगर सह संयोजक बीना गुप्ता उपस्थित रहीं ।