June 23, 2025

गुरु पूर्णिमा पर बन रहा अद्भुत संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त

गुरु पूर्णिमा पर बन रहा अद्भुत संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

हम सभी के जीवन में गुरु का अहम योगदान होता है. गुरु का सम्मान करने के लिए हिंदू धर्म के लोग पूर्णिमा के दिन अपने गुरु का पूजन व सम्मान करते है. आइए जानते हैं कब है गुरु पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व.

हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं. इस दिन पुराणों के रचना करने वाले व वेदों के विभाजन करने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. वेद व्यास को प्रथम गुरु माना गया है. इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का पूजन व सम्मान करने का विशेष महत्व है. शास्त्रों में गुरु का स्थान सर्वोच्च बताया गया है. गुरु को भगवान से भी ऊपर दर्जा प्राप्त है. इस बार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को है. इस बार गुरु पूर्णिमा पर विशेष संयोग बन रहे हैं. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन किस तरह से करें गुरु की पूजा और क्या है इसका महत्व.

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को प्रातः काल 04 बजे से शुरू होगी. जो 13 जुलाई की रात 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी. इस शुभ घड़ी में आप सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में अपने आराध्य देवता की विधि विधान से पूजा करें. इसके पश्चात् अपने पहले गुरु यानी माता-पिता का पैर छूकर आशीर्वाद लें. गुरु पर्णिमा के दिन गुरुजनों की पूजा करने के विधान है. इसलिए आप अपने गुरु के लिए पीताम्बर, नारियल, पुष्प, मिष्ठान, कपूर, लौंग लेकर गुरु के घर जाएं और गुरु का पैर छूकर आशीर्वाद लें. साथ ही गुरु की विधि-विधान से पूजा करें. मान्यता है कि जो शिष्य गुरु पुर्णिमा के दिन सच्चे मन से अपने गुरू की पूजा करता है उसे हर कार्यों में सफलता मिलती है.

गुरु पूर्णिमा पर बन रहा विशेष संयोग

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो गुरु पुर्णिमा के दिन गुरु का पूजन करना कल्याणकारी होता है. इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि बेहद शुभ स्थिति में रहेंगे. जिससे रुचक, भद्र, हंस और शश नाम के चार राजयोग बन रहे हैं. गुरुपूर्णिमा बुधवार के दिन पड़ने एवं सूर्य और बुध के एक ही राशि में होने से बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है।

गुरु पूर्णिमा महत्व

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा करने की परंपरा है. शास्त्रों की मानें तो गुरु को ईश्वर से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है. गुरु हमें जीवन का सच्चा मार्ग दिखाते हैं. इसलिए हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा करना और सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा प्रदान करना बेहद शुभ है।

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