लाखों लाठियों की तड़तड़ाहट,युद्ध सा दृश्य, अगाध श्रद्धा से सिद्ध संत श्रीनाथ बाबा की सम्पन्न हुई रोट पूजा

लाखों लाठियों की तड़तड़ाहट,युद्ध सा दृश्य, अगाध श्रद्धा से सिद्ध संत श्रीनाथ बाबा की सम्पन्न हुई रोट पूजा
ऐतिहासिक रोट पूजा मे नही पहुंचे सत्ता पक्ष के सांसद विधायक मंत्री
बलिया ।। उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के रसड़ा क्षेत्र में लगभग 200 वर्षों से प्रत्येक वर्ष होने वाले सेंगर वंशीय ठाकुरों के रोट पूजन समारोह का जनपद ही नही आसपास के जनपद के लोगो को भी इंतजार रहता है । यह पहला औ अनोखा पूजनोत्सव होता है जिसमे लाखों लाठियों के टकराने के बाद निकलने वाली तड़तड़ाहट की जितनी आवाज निकलती है, उतने जोर से जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजयमान हो उठता है ।
बता दे कि बलिया जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर रसड़ा तहसील क्षेत्र स्थित नगपुरा टीकादेवरी श्रीनाथ मन्दिर पर मंगलवार को आयोजित ऐतिहासिक रोटपूजन समारोह में लाखों भक्तों के जयघोष व गगन भेदी जयकारों के साथ लाठियों की तड़तड़ाहट के बीच रोट पूजा सकुशल व शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई ।इस दौरान लाख से अधिक श्रीनाथ भक्त श्रद्धालुओं के समवेत पूजन से साम्प्रदायिक सद्भाव की अनुपम मिशाल देखने को मिली ।
*क्या है परंपरा*
परम्पराओं के अनुसार सर्वप्रथम सबेरे श्रीनाथ बाबा के समकालीन नगपुरा टीकादेवरी सूफी संत रोशन बाबा के दरगाह के साथ साथ रसड़ा , नागपुर, पटना, खेजूरी ,टिकादेवरी नगपुरा, स्थित सभी मठों पर विधि विधान से पूजा करके रोट चढाया जाता है ,जो इस साल भी परम्परा के अनुसार ही सम्पन्न हुआ ।
इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष सुनील सिंह के अलावा विशिष्ट जनों संग सभी समुदायों के लोगों ने भक्ति भावना से पूजा अर्चना की और रोट चढाया । रोटपूजन के पश्चात रसड़ा क्षेत्र के 14 कोस लखनेश्वर के अलावा बलिया , मऊ ,गाजीपुर, आजमगढ़ बनारस, बिहार प्रात से आये लाखों भक्तों की लाठियों की तड़तड़ाहट के बीच टोलियां प्रदर्शन करते हुए श्रीनाथ मठ नगपुरा टीकादेवरी पहुंच कर मन्दिर की 5बार परिक्रमा की और प्रसाद लेकर काफिला पुनः अपने अपने घरों को लौट गये ।
इस रोटपूजन के महाकुंभ में लाखों भक्त, भक्ति भावना के साथ लाठी बनेठी भाजते मल्ल युद्ध का दृश्य प्रस्तुत करते हुए श्रीनाथ मठ पर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया । 200 वर्षों पुरानी परम्परा को सभी वर्गों निभाया ।