June 24, 2025

ग़ाज़ीपुर में खुलेगा कर्मवीर सत्यदेव विश्वविद्यालय

 

ग़ाज़ीपुर में खुलेगा कर्मवीर सत्यदेव विश्वविद्यालय

ग़ाज़ीपुर की पहचान पूर्वांचल के पिछले अंचल के रूप में रही है। अब तक इस ज़िले में उच्च शिक्षा के नाम पर महाविद्यालय स्तर पर ही अध्ययन -अध्यापन की व्यवस्था हो पायी है। यह विडंबना ही है कि आज़ादी पूर्व के जो ग़ाज़ीपुर अंग्रेजों की दृष्टि में महत्त्वपूर्ण था और उनको सबसे अधिक राजस्व प्रदान करता था वह ग़ाज़ीपुर आज़ादी के बाद उद्योग और कृषि क्षेत्र में लगातार पिछड़ता चला गया ।

 

उच्च शिक्षा के लिहाज़ से यह ज़िला उपेक्षित ही रहा। यहाँ तक कि उसके बाद पैदा होने वाले पड़ोसी ज़िले भी शिक्षा की दृष्टि से आगे बढ़े। लेकिन ग़ाज़ीपुर की बदहाली ख़त्म नहीं हुई। ज़िले में अभी तक इस दृष्टि से काम करने वाला समूह सत्यदेव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज ही रहा है जिसने उच्च शिक्षा तकनीकी शिक्षा मेडिकल शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के लिए काम किया है। उसके पास पिछले बीस बाईस वर्षों से इस दिशा में काम करने का अनुभव है।

 

अतः शिक्षित समाज की माँग पर सत्यदेव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के संस्थापक कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी की ९३ वाँ जयंती पर उनके स्वप्नों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना करने हेतु विचार किया गया था। उसके प्रस्तोताओं में जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति प्रो हरिकेश सिंह, सच्चिदानंद राय (चाचा जी) धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव एवं डॉ एम डी सिंह थे। उसी प्रस्तावना को मूर्त रूप देने के लिए अक्षय तृतीया को कर्मवीर सत्यदेव विश्वविद्यालय का बैनर अनावरण का आयोजित था । इसमें सभी प्रारंभिक प्रस्तावकों के सान्निध्य में मुख्य अतिथि के बतौर डॉ प्रदीप सिंह उपस्थित थे जो लंदन में पिछले अड़तीस सालों से चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ग़ाज़ीपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना समय की माँग है। विश्व में उन्नति और विकास की दिशाएँ सभी विद्याओं में गहन शोध तथा तकनीक के विस्तार के कारण हो रही है। लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि हमारे विद्यार्थियों की जड़ें परम्परा से कटे नहीं। यह विश्वविद्यालय परम्परा के मूल्यों को संवर्धित करने के साथ ही आधुनिक ज्ञान- विज्ञान में भी विद्यार्थियों को तैयार करेगा जिससे सर्वांगीण उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो हरिकेश सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कर्मवीर सत्यदेव सिंह के जीवन और उनकी शिक्षाओं का स्मरण किया और कहा कि यह विश्वविद्यालय इस आयाम में बिल्कुल नवाचारी होगा क्योंकि बाबू सत्यदेव सिंह के मन में सदा यही बात थी कि ग़ाज़ीपुर की पिछड़ी जनता को नवीन ज्ञान विज्ञान वाली उच्च शिक्षा प्रदान करने की विश्वविद्यालयी व्यवस्था संभव हो सके। यह विश्वविद्यालय अपने स्वप्नद्रष्टा के इन संकल्पों को पूरा करेगा। हिंदुस्तान समाचार के पूर्व संपादक श्री धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव जी ने सभी लोगों को विश्वविद्यालय की स्थापना का संकल्प दिलाया जिसे सबने उनके आह्वान पर दोहराया।


विशिष्ट अतिथि डॉ मारकंडेय सिंह जी ने कहा कि ग़ाज़ीपुर का विकास अब इसी दिशा में करने की ज़रूरत है क्योंकि चौतरफ़ा विकास के लिए उच्च शिक्षा दिशाओं को खोलने की महती आवश्यकता है। हमें ग़ाज़ीपुर की धरती के अनुकूल विश्वविद्यालय खोलना चाहिए। जब हम बड़ा संकल्प लेकर चलते हैं तो ईश्वर स्वयं मार्गदर्शन करते हैं। दोनों भाई डॉ आनंद एवं डॉ सानंद का संकल्प पूरा हो – ऐसी शुभकामना है।कार्यक्रम में प्रो आनंद सिंह ने परमहंस पवहारी बाबा स्वामी विवेकानंद गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर तथा कर्मवीर सत्यदेव सिंह के जीवनादर्शों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि यह विश्वविद्यालय किन आदर्शों और कार्यों के लिए संकल्पित होगा। कार्यक्रम में सभी अतिथिगणों का आभार डॉ सानंद सिंह ने ज्ञापित किया।

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