पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल में लापरवाही और गंदगी देखकर भड़के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल में लापरवाही और गंदगी देखकर भड़के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
वाराणसी। पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल में उपमुख्यमंत्री/ स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक बिना किसी सूचना के शनिवार की सुबह आम आदमी बनकर, मुंह पर मास्क लगाकर, पैदल ही अकेले दीनदयाल अस्पताल परिसर में प्रवेश कर गए। परिसर में सीधे पर्ची काउंटर पहुंचे और लाइन लगाकर अपने नंबर पर पर्चा कटाया, पैसा दिया और आगे बढ़ गए। इसके बाद सीधे सीएमएस ऑफिस पहुंचकर ड्यूटी रजिस्टर चेक करना शुरू किया। उसके बाद अस्पताल में अफरा- तफरी मच गई। एक एक कर कर्मचारियों की हाजिरी और गैर हाजरी पर पूछताछ की। और वहां से निरीक्षण के लिए निकले तो सीधे डेंटल डॉक्टर के कमरे के पास पहुंचे। वहां पर डेंटल विभाग के लिए आई लाखों रुपए की मशीन धूल फांक रही थी, जिस पर काफी नाराज हुए। यहां पर चेतावनी देते हुए वह आगे बढ़ गए और ओपीडी पहुंचे। वहां डॉक्टरों से बातचीत करते हुए रास्ते में मिले तीन मरीजों से बातचीत की। इसके बाद परिसर स्थित ट्रामा सेंटर पहुंच गए। वहां भी मरीजों से बात करते हुए दो साल पहले से ही बंद पड़े ओपीडी के बंद होने पर नाराजगी जताई। साथ ही डिजिटल एक्स-रे कक्ष में ताला बंद होने पर पूछा और चाबी से संबंधित बातें भी पूछी। चाबी किसके पास रहनी चाहिए, कुछ देर तक खड़े रहे और सीएमएस को कड़ी फटकार लगाते हुए तुरंत चाबी मंगाने की बात कही। चाबी सफाई कर्मी या संबंधित विभाग के हेड के पास होनी चाहिए। चाबी आखिर क्यों दूसरी जगह है। कहते हुए नाराजगी व्यक्त की और आगे बढ़ गए। निकलते निकलते परिसर में ही स्थित जन औषधि केंद्र में दवाओं के बारे में जानकारी ली। और सीएमएस आर के सिंह को आगे से अस्पताल में सुधार लाने की बात कहते हुए फिर आने की चेतावनी दी। इस बार बड़ी कार्रवाई करने की बात कहते हुए अंतिम चेतावनी दी और प्राइवेट काले रंग की स्कार्पियो से खुद ड्राइव करते हुए बाहर निकल गए। उपमुख्यमंत्री ने पांडेयपुर स्थित दीनदयाल अस्पताल जांच का लाइव वीडियो बनवाया और इसे फेसबुक पर पोस्ट भी किया है। उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने अस्पताल के शौचालय में गंदगी देखकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, एक्सरे, ओपीडी, फिजियोथैरेपी सहित लगभग सभी विभागों की जानकारी ली। निरीक्षण के साथ ही डॉक्टरों से जन औषधि की दवाई लिखने की बात कही और जो ना माने उस पर तुरंत कार्रवाई करने की हिदायत भी दी।