अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा ,कश्मीर में सुरक्षा बल एलर्ट पर

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अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा ,कश्मीर में सुरक्षा बल एलर्ट पर

यासीन मलिक को लेकर कश्मीर में सुरक्षा बल को अलर्ट कर दिया गया है। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया। भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं।

आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एनआईए की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में सजा का ऐलान किया। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया।

अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

 

मलिक को दो अपराधों – आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (यूएपीए) (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना)- के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इससे पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का बुधवार को अनुरोध किया था।

मलिक ने अवैध गतिविध (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत के समक्ष यह अभिवेदन दिया, जबकि मलिक की सहायता के लिए अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने उसे इस मामले में न्यूनतम सजा यानी आजीवन कारावास दिए जाने का अनुरोध किया था। इस बीच मलिक ने न्यायाधीश से कहा था कि वह अपनी सजा का फैसला अदालत पर छोड़ रहा है।

वहीं, अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था। उसने एनआईए के अधिकारियों को मलिक पर जुर्माना लगाए जाने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए थे।

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