केंद्र के बाद अब राजस्थान और केरल ने घटाया वैट ,भाजपा शासित राज्यों पर बढ़ा दबाव
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केंद्र सरकार के बाद अब राजस्थान और केरल ने घटाया वैट ,भाजपा शासित राज्यों पर बढ़ा दबाव
पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने की मांगों के बीच भाजपा शासित गुजरात से वैट घटाने की कोई भी हलचल नजर नहीं आ रही है. गौरतलब है कि यहां पर भाजपा कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है.
इसके के अलावा हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव गुजरात के साथ ही इसी वर्ष में होना है. हालात ये है कि यहां तो महंगाई की वजह से पहले ही भाजपा उप चुनाव हार चुकी है. ऐसे में अब पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम भी नई चुनौती पेश कर सकते हैं. इसके अलावा दक्षिण में चले जाएं तो कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में अगर वैट कम नहीं किया गया तो महंगाई जैसे मुद्दे से इन राज्यों में भाजपा सरकार की मुसीबत ज्यादा बढ़ सकती है.
मध्य प्रदेश पर भी दबाव बढ़ा
अगर मध्य प्रदेश की बात की जाए तो वहां भी अगले वर्ष चुनाव होने वाले हैं. ऐसे वक्त में समस्या पेट्रोल-डीजल के भारी भरकम दाम महंगाई शिवराज सरकारी की मुसीबत में भी इजाफा कर सकती है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में इस वक्त पेट्रोल 100 के पार चल रहे हैं. हालांकि, इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज शिवराज सिंह चौहान की तरफ से सिर्फ केंद्र के फैसले का स्वागत किया गया. फिलहाल एमपी सरकार ने वैट कटौती के कोई संकेत नहीं दिए हैं.
केरल राजस्थान में हुई इतनी कटौती
केंद्र सरकार के फैसले के तुरंत बाद केरल राजस्थान की सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटा दिया. केरल सरकार ने पेट्रोल पर 2.41 रुपए प्रति लीटर वैट कटौती की तो डीजल पर 1.36 रुपए प्रति लीटर वैट कम करने की घोषणा की है. ऐसे में वहां अब पेट्रोल 11.91 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया है. इसी तरह राजस्थान सरकार ने भी केंद्र के फैसले के बाद जनता को डबल राहत देने का काम किया. केंद्र के फैसले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर अपने फैसले के बारे में बताया. उन्होंने लिखा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई एक्साइज कटौती से राज्य सरकार का पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर वैट भी कम होगा. इससे प्रदेश में पेट्रोल 10.48 रुपए एवं डीजल 7.16 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि इससे राज्य को करीब 1200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की राजस्व हानि होगी, जिससे आमजन को सीधे-सीधे इसका लाभ मिल सकेगा. उन्होंने आगे लिखा कि पूर्व में दो बार की गई वैट की कमी से राज्य को 6300 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई थी. आज की कटौती को जोड़कर राज्य को करीब 7500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की राजस्व हानि होगी.